LNJP: जेनेटिक बीमारियों के इलाज के साथ, नवजात शिशुओं को मिलेगा ब्रेस्ट मिल्क यूनिट का लाभ

दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोकनायक में गुरुवार को में तीन अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह केवल नई शुरुआत नहीं, बल्कि राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. मुख्यमंत्री ने सबसे पहले मेडिकल जेनेटिक वार्ड का उद्घाटन किया. यह दिल्ली का पहला ऐसा केंद्र है जहां उन नवजात शिशुओं का इलाज संभव होगा, जो जन्म से पहले ही अपने जीन्स में गंभीर बीमारियां लेकर आते हैं. यहां इलाज के लिए पहले वार्ड की सुविधा नहीं थी जो अब शुरू की गई है इससे पहले यहां बच्चों का इलाज सिर्फ जेनेटिक विभाग की ओपीडी में ही होता था. सीएम ने कहा कि यह वार्ड प्रधानमंत्री के स्वस्थ बालक, सशक्त भारत के विज़न को मूर्त रूप देता है.यहां एक बूंद खून से यह पता चल सकेगा कि शिशु को भविष्य में कौन-सी आनुवंशिक बीमारी हो सकती है.
नेशनल एडेवांस टेस्टिंग (NAT) लैब की शुरुआत: दूसरी सुविधा के रूप में नेशनल एडेवांस टेस्टिंग (एनएटी) लैब की शुरुआत की गई. इस अत्याधुनिक लैब के माध्यम से रक्त जनित रोगों की पहले ही पहचान की जा सकेगी, जिससे कई जानें बचाई जा सकेंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि खून से जीवन बचता है, और इस लैब के जरिए हम कई जीवन समय रहते सुरक्षित कर सकेंगे. तीसरी पहल ह्यूमन मिल्क बैंक की है, जहां उन माताओं का दूध संग्रह किया जाएगा जो अन्य नवजातों को दूध देने में सक्षम हैं. इस दूध को जरूरतमंद शिशुओं तक पहुंचाकर कुपोषण व शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी.
पिछली सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर सिर्फ दिखावा: इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर भी तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि पिछले 10-11 वर्षों में स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर दिल्ली को सिर्फ दिखावा मिला. आज हालात यह हैं कि दिल्ली में प्रति हजार जनसंख्या पर एक भी बेड उपलब्ध नहीं है और निजी अस्पतालों को जोड़ भी दें तो यह अनुपात सिर्फ 1.5 बेड तक हो पाता है. मुख्यमंत्री ने दिल्ली के अस्पतालों में स्टाफ, मशीनों और दवाओं की भारी कमी को उजागर करते हुए कहा कि उनकी सरकार इन सभी क्षेत्रों में सुधार के लिए कटिबद्ध है. अस्पतालों में डाक्टर, नर्स और तकनीकी स्टाफ की भारी कमी है. मरीजों की लंबी कतारें इसी का नतीजा हैं. हम जल्द ही बड़े स्तर पर स्टाफ की भर्ती शुरू करेंगे.
दिल्ली में करेंगे एक हजार लोगों पर तीन बेड की व्यवस्था: सीएम रेखा
सीएम ने यह भी बताया कि लोक नायक जैसे अस्पताल में जहां रोजाना बड़ी संख्या में बच्चों का जन्म होता है, वहां अल्ट्रासाउंड और एमआरआइ जैसी जरूरी मशीनों का न होना दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार का लक्ष्य है कि अगले 5 वर्षों में प्रति हजार जनसंख्या पर 3 बेड की सुविधा सुनिश्चित की जाए. जबकि डब्ल्यूएचओ का मानक एक हजार आबादी पर दो बेड है हम इसे दिल्ली में उससे आगे लेकर जाएंगे. मुख्यमंत्री ने अपने 100 दिन के कार्यकाल की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा, हमने झंडे नहीं गाड़े, लेकिन नीतिगत फैसले जरूर लिए हैं. चाहे दवाओं की उपलब्धता हो, स्टाफ बहाली हो या अस्पतालों का बेहतर वर्किंग एनवायरमेंट, हमने हर मोर्चे पर काम शुरू कर दिया है. कोविड के मामलों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सरकार सजग है और ज़रूरत के अनुसार अस्पतालों में बेड उपलब्ध हैं.
दिल्ली के अस्पतालों में कोविड के 19 मरीज: सीएम ने कोरोना के मरीजों को लेकर कहा कि वर्तमान में दिल्ली में कोविड के केवल 19 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, शेष होम आइसोलेशन में हैं. चिंता की कोई बात नहीं है अब कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है. स्थिति नियंत्रण में है और सरकार की तैयारी पूरी है. अंत में उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारा संकल्प है कि दिल्ली में कोई भी बच्चा इलाज की कमी के कारण जान न गंवाए. दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को इस स्तर तक ले जाएंगे कि न केवल देश के, बल्कि दुनिया के लोग भी यहां इलाज कराने आएं.